जिला सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने नवजात शिशु को खेत में फेंके जाने के मामले में लमगड़ा निवासी एक महिला की जमानत याचिका खारिज की।
27 जुलाई 2020 का है मामला-
अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने बताया कि पिछले साल 27 जुलाई 2020 को लमगड़ा के एक गांव में ग्रामीणों को खेत में एक नवजात शिशु पड़ा दिखाई दिया। जिसके बाद ग्रामीणों ने इस मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना पर मौके पर पुलिस पंहुची। जिसमें वह नवजात बच्चे की सांस चल रही थी। उसके बाद तत्काल बच्चे को लमगड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। जहां नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टर ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। लेकिन वहां बच्चे ने दम तोड़ दिया।
पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज महिला को किया था गिरफ्तार-
जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। जिसमें जांच के दौरान डीएनए टेस्ट हुआ और संबंधित आरोपी महिला ही नवजात शिशु की जैविक माँ पाई गई। जिसके बाद महिला को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में जमानत याचिका की दाखिल-
महिला ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की। जमानत का अभियोजन की ओर से घोर विरोध किया गया। पत्रावली में मौजूद साक्ष्य का परिसीलन का न्यायालय ने आरोपी महिला की जमानत याचिका खारिज की।
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