आज हम पर्यावरण की अहमियत को भूलते जा रहे हैं, लेकिन हमें हमेशा याद रखना होगा कि पर्यावरण का संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति एवं जैव विविधता को बनाये रखने के लिए हमें जन भागीदारी से प्रयास करने होंगे। यह बात वन एवं पर्यावरण मंत्री डा0 हरक सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सभी जिलाधिकारियों को वीडियों कांफ्रेंसिंग के दौरान कही।
जैव विविधता संरक्षित रखने के लिए आना होगा आगे-
वन एवं पर्यावरण मंत्री डा0 हरक सिंह रावत ने कहा कि पर्यावरण और मानव के बीच कैसे संतुलन बना रहे, इस दिशा में अनुसंधान की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम सब लोगो की सामूहिक जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि करोना महामारी के दौरान सांसों के महत्व को और अधिक बढा दिया है इसलिए हमें जैव विविधता संरक्षित रखने के लिए आगे आना होगा।
आज पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है-
मंत्री ने कहा कि हम ऐसे समय में विश्व पर्यावरण दिवस मना रहे है जिस समय पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि हम इंसानों और पर्यावरण के बीच बहुत गहरा संबंध है। विश्व में लगातार वातावरण दूषित होते जा रहा है, जिसका गहरा प्रभाव हमारे जीवन में पड़ रहा है। इस वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान अपार मानवीय पीड़ा और हानि हुई हैं।
ऑक्सीजन की कमी से हुई परेशानियां-
इस कोरोना के समय हमें जिस चीज की कमी सर्वाधिक खली वह थी ऑक्सीजन, अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत के कारण देश भर में कई मरीजों की जानें चली गईं। हम सभी ने लोगों को एक-एक सांस के लिए तरसते देखा है और हमने इसकी कीमत का अनुभव किया। इसलिये हमें विश्व पर्यावरण दिवस के इस अवसर पर इन चीजों को याद रखने की आवश्यकता है।
इस बार विश्व पर्यावरण दिवस का थीम था ‘‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली‘‘-
मंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस का इस वर्ष का विषय ‘‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली‘‘ है। पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली से तात्पर्य वृक्ष उगाना, शहर को हरा भरा करना, बगीचों को फिर से बनाना और नदियों व तटों की सफाई करना हैं। जिसके फलस्वरूप हमारी धरती कार्बन डाईऑक्साइड को अलग करके ऑक्सीजन रिलीज करने में सफल हो पाएगी। हमें यह समझने की जरूरत है कि पेड़ लगाने या पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने के लिए हमें पहले प्रकृति और समाज के साथ अपने संबंधों को बहाल करना होगा।
जन सहयोग है बहुत जरूरी-
मंत्री ने कहा कि किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए जन सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों में नदियों, नौलों, एवं जल के स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्षभर में जैविक विविधता के क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले जनपदों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी लोग यह सुनिश्चित करें कि हमें अपने आसपास के जल स्रोतों को कैसे संरक्षित किया जाय इसके लिए एक ठोस कार्य योजना बनायी जाए।
वन पंचायतों को बनाया जाए और अधिक सशक्त-
उन्होंने कहा कि वन पंचायतों को और अधिक सशक्त बनाया जाय ताकि वनों का संरक्षण हो सके। उन्होंने कहा कि हम सभी का नैतिक कर्तव्य है कि अपने आसपास के पर्यावरण को संरक्षित करने में सहयोग प्रदान करें। पर्यावरण संतुलन के लिए लोगों में सजगता होना बहुत जरूरी है। हम छोटे-छोटे प्रयासों से भी इस दिशा में अपना योगदान दे सकते हैं। हम भावी पीढ़ी को कैसा पर्यावरण देना चाहते हैं, यह हम पर निर्भर है।
इस दौरान यह लोग रहे उपस्थित-
वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे, प्रभागीय वनाधिकारी सिविल सोयम रमेश चन्द्र काण्डपाल, मुख्य उद्यान अधिकारी टी0एन0 पाण्डे, मुख्य कृषि अधिकारी प्रियंका सिंह, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका श्याम सुन्दर प्रसाद आदि उपस्थित रहे।