उत्तरप्रदेश: ललितपुर में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म मामले में पिता व सपा-बसपा जिलाध्यक्षों समेत 28 लोगों के खिलाफ दर्ज रेप केस में पुलिस ने एक्शन लिया है।बुधवार को कोर्ट में नाबालिग लड़की के IPC 164 के बयान और मेडिकल चेकअप के बाद पुलिस ने रात में तबड़तोड़ दबिश देनी शुरू कर दी। लड़की के पिता, सपा जिलाध्यक्ष के भाई समेत 4 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। उनसे पूछताछ चल रही है। नाबालिग के साथ रेप के आरोप में कुल 28 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है।
ज्ञापन दिया रेप का आरोप लगाने वाली किशोरी का नाम लिख कर उसे कर दिया सार्वजनिक
बता दें कि आरोपी समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष तिलक यादव और बसपा जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार के खिलाफ रेप और पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने के बाद सपा और बसपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने एकत्रित होकर जुलूस निकालते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने जो ज्ञापन दिया उसमें रेप का आरोप लगाने वाली किशोरी का नाम लिख कर उसे सार्वजनिक कर दिया। ASP ललितपुर गिरिजेश कुमार ने बताया कि आरोपी पक्ष के सैकड़ों कार्यकर्ता एसपी ऑफिस पहुंचे, जिन्होंने पीड़िता का नाम सार्वजनिक कर दिया, जो नियमता विधि विरुद्ध है। जिस पर सदर कोतवाली पुलिस द्वारा सपा के 250 और बसपा के 200 कार्यकर्ताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 188, 269, महामारी अधिनियम और 23(4) लैंगिक अपराधों से संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।पुलिस ने आरोपी पिता, सपा जिलाध्यक्ष के छोटे भाई अरविंद यादव सहित 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है तो वहीं अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार छापेमार की कार्यवाही करने में जुटी हुई हैं। फिलहाल आरोपी सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव और बसपा जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार सहित अन्य आरोपी अंडर ग्राउंड हो चुके हैं।
यह है पूरा मामला?
पीड़िता द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, जब वह 6वीं क्लास (तब उम्र 11 साल) में पढ़ती थी, तभी से उसके पिता उसका शारीरिक शोषण करते आ रहे हैं। इसके बाद धीरे-धीरे उसके पिता अपने अन्य दोस्तों से भी बलात्कार जैसी घटना को अंजाम दिलाने लगे। जिसमें सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव, उनके भाई और बसपा जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार भी शामिल थे। वहीं, पीड़िता और उसकी मां के इस बात का विरोध करने पर दोनों के साथ मारपीट करते थे। उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जाती थी। इस खौफ चलते ही दोनों इतने लंबे समय तक चुप रहीं।