केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान लागू करने के लिए इंडिया कोविड-19 आपात कार्रवाई और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी: चरण-2 नाम की नई स्कीम मंजूर की है।
स्कीम का लक्ष्य स्वास्थ्य प्रणाली में तेजी लाना है
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि इस स्कीम का लक्ष्य स्वास्थ्य प्रणाली में तेजी लाना है ताकि उसे वायरस का शीघ्र पता लगाने, उसका फैलाव रोकने और उस पर नियंत्रण करने के लिए तत्काल उपाय करने में सक्षम बनाया जा सके।
इसमें बच्चों की देखभाल के उपाय भी शामिल किये गये हैं, ताकि इस दिशा में ठोस परिणाम हासिल की जा सकें। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण के उपाय इस वर्ष पहली जुलाई से 31 मार्च 2022 तक लागू किये जायेंगे। इस कार्यक्रम में केन्द्र और राज्यों की हिस्सेदारी होगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना में केन्द्र की हिस्सेदारी 15 हजार करोड रुपये और राज्यों की हिस्सेदारी आठ हजार एक सौ 23 करोड रुपये होगी।
36 जिलों में बाल चिकित्सा इकाइयां और उत्कृष्ट बाल चिकित्सा केन्द्र स्थापित करने में मदद की जायेगी
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन प्रयासों का लक्ष्य जिला और उप-जिला स्तर पर क्षमता बढाना है ताकि कोविड महामारी से निपटने के लिए कारगर और शीघ्र उपाय किये जा सके। उन्होंने कहा कि नई स्कीम के अंतर्गत राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों को सभी सात सौ 36 जिलों में बाल चिकित्सा इकाइयां और उत्कृष्ट बाल चिकित्सा केन्द्र स्थापित करने में मदद की जायेगी।
बीस हजार आईसीयू बिस्तरों की बढोत्तरी
श्री मांडविया ने कहा कि राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में बीस हजार आईसीयू बिस्तरों की बढोत्तरी की जायेगी। इनमें तीस प्रतिशत आईसीयू बेड बाल चिकित्सा इकाइयों के लिए होंगे।
श्री मांडविया ने यह भी बताया कि स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा प्रशिक्षार्थियों और एमबीबीएस, बी.एससी और जीएनएम नर्सिंग जैस पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को कोविड नियंत्रण कार्यक्रम में तैनात किया जायेगा।
आठ हजार आठ सौ एम्बुलेंस जुटाने का प्रावधान
पैकेज के अंतर्गत मेडिकल गैस पाइप लाइन सिस्टम के साथ तरल चिकित्सा ऑक्सीजन भंडारण के एक हजार 50 टैंक लगाने के लिए सहायता देने का भी प्रावधान है। प्रत्येक जिले में इस तरह की कम से कम एक यूनिट अवश्य लगाई जायेगी। एम्बुलेंस के मौजूदा बेडे में बढोतरी करने के लिए इस पैकेज के अंतर्गत आठ हजार आठ सौ एम्बुलेंस जुटाने का भी प्रावधान है।