भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों ने चार दिवसीय सम्मेलन के पहले दिन सोमवार को पूर्वी लद्दाख और वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) के पास संवेदनशील स्थानों की स्थिति सहित देश की सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा की। पिछले कुछ हफ्ते में जम्मू-कश्मीर में नागरिकों की हत्या की घटनाओं को देखते हुए केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा परिदृश्य पर भी कमांडरों ने चर्चा की। सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजधानी में यह सम्मेलन हो रहा है।
बुधवार को कमांडरों को संबोधित कर सकते हैं राजनाथ सिंह
जानकारी के मुताबिक शीर्ष कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में भारत की युद्धक तैयारियों की समीक्षा की जहां भारत और चीन की सेना के बीच पिछले 17 महीने से गतिरोध चल रहा है। हालांकि दोनों पक्षों ने संघर्ष के कई स्थानों पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को कमांडरों को संबोधित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कमांडरों ने मानव संसाधन और फौज में सुधार के उपायों पर चर्चा की।सम्मेलन सैद्धांतिक स्तर पर विचार-विमर्श का मंच है जहां से भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण नीतियां बनाने में मदद मिलती हैं।