6,559 total views, 2 views today
राज्य सरकार के आयुर्वेदिक डॉक्टरों को एलोपैथिक दवा लिखने के संबंध में लिए गए फैसले पर (आईएमए) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन उत्तराखंड ने आपत्ति जताई है । एसोसिएशन का कहना है कि इस फैसले से मरीजों को नुकसान होगा । उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए कोर्ट जाने की चेतावनी दी है।
आयुष मंत्री हरक सिंह ने घोषणा की कि सरकारी आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में इमरजेंसी के समय आयुष डॉक्टर एलोपैथिक दवा लिख सकेंगे। आयुष मंत्री की इस घोषणा के बाद अब आयुर्वेदिक चिकित्सक एलोपैथिक दवाइयां लिख पाएंगे।
मिक्सोपैथी से उपचार नहीं किया जा सकता
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड के सचिव डा. अजय खन्ना ने कहा कि पहले भी इस तरह की बात प्रकाश में आयी थी । जिसको लेकर उन्होंने करीब एक महीने पहले मुख्य सचिव को पत्र भी भेजा था। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, नेशनल मेडिकल कमीशन समेत कई अन्य स्तरों से यह स्पष्ट आदेश है कि किसी भी मरीज पर मिक्सोपैथी दो पैथियों को मिलाकर उपचार नहीं किया जा सकता है उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यह भी स्पष्ट है कि आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथिक का कार्य नहीं कर सकते , जिन आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने कभी एलोपैथ की पढ़ाई नहीं की, वो दवा कैसे लिख सकते हैं? सरकार को मरीजों की जान से नहीं खेलना चाहिए। सरकार सिर्फ ये दिखाना चाहती है कि हमने डॉक्टर उपलब्ध करा दिए हैं इसलिए इस तरह के फैसले ले रही है।
योगाभ्यास के बाद की गयी घोषणा
आयुष मंत्री हरक सिंह ने हर्रावाला स्थित आयुर्वेदिक कॉलेज में योगाभ्यास के बाद घोषणा की कि सरकारी आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में इमरजेंसी के समय आयुष डॉक्टर एलोपैथिक दवा लिख सकेंगे।
आयुष मंत्री की इस घोषणा से ऐलोपैथिक डॉक्टर असंतुष्ट दिखे और उन्होंने कड़ा विरोध जताया।
More Stories
अल्मोड़ा: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती के अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सुमित्रानंदन पंत पार्क में स्वच्छता व वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित
उत्तराखंड: केदारनाथ पैदल मार्ग पर बच्चे की मौत पर मां ने उत्तराखंड सरकार से की मार्मिक अपील
उत्तराखंड: खेल दिवस पर होगा खेल छात्रवृति योजना का शुभारम्भ, जानें