कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में तनाव और अवसाद की समस्या में हुई है बढ़ोत्तरी, इन दवाओं की बढ़ी मांग

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, जिससे लोगों में इसका भय भी बना हुआ है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने अपना जो तांडव मचाया उससे बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए। जिससे लोगों में तनाव और अवसाद की समस्या ज्यादा बढ़ी है।

चौंकाने वाले आंकड़े आए सामने-

स्वास्थ्य से संबंधित चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। जिसमें अवसाद और तनाव से ग्रसित लोगों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। वही लोगों को मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं पहले से होने के बाद भी कोरोना काल, विशेषकर दूसरी लहर में अधिक मामले तेजी से बढ़े हैं।

एंटी-डिप्रेशन की दवाइयों के सेवन में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी-

कोरोना काल में खासकर कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में दूसरी लहर में एंटी-डिप्रेशन की दवाइयों के सेवन में 20 फीसदी तक बढ़ोतरी देखी गई है। देश में एंटीड्रिप्रेसेंट्स दवाओं जिन्हें न्यूरो-कॉग्नेटिव इंहेंसर के रूप में भी जाना जाता है, इनकी बिक्री और खपत में 20 प्रतिशत की वृद्धि होने लगी है।