भारत ने कई देशों को पहली बार निर्यात किया अनाज, वैश्विक निर्यात बाजार में बढ़ी भारत की भूमिका

भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अब धीरे-धीरे भारत वैश्विक निर्यात में भी अपने पैर पसार रहा है। विदेशों या वहां के बाजारों में भारत द्वारा नए अवसरों की खोज के प्रयासों से के नतीजे अब आने लगे हैं। इसी क्रम में अनाज के निर्यात का विस्तार भी हुआ है। वर्ष 2020-21 में मुख्य रूप से चावल (बासमती और गैर-बासमती), गेहूं और अन्य अनाजों के निर्यात में भारी बढ़ोत्तरी हुई, जिसका कारण निर्यात को बढ़ावा देने में विभिन्न हितधारकों-किसानों, मिल मालिकों, निर्यातकों और सरकारी एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल और सहयोग है।

चावल का निर्यात बढ़ा

चावल (बासमती के साथ-साथ गैर-बासमती) निर्यात के मामले में भारत ने जब पहली बार तिमोर-लेस्ते, प्यूर्टो रिको, ब्राजील, पापुआ न्यू गिनी, जिम्बाब्वे, बुरुंडी, इस्वातिनी, म्यांमार और निकारागुआ को गैर-बासमती चावल भेजा था तब निर्यात किए गए माल की मात्रा उतनी अधिक नहीं थी I इन नौ देशों को चावल के निर्यात की कुल मात्रा 2018-19 और 2019-20 में क्रमशः केवल 188 मीट्रिक टन और 197 मीट्रिक टन थी, लेकिन 2020-21 में निर्यात की मात्रा बढ़कर 1.53 लाख टन तक पहुंच गयी है I यह आंकड़े अपने आप ही इस क्षेत्र में हुई तरक्की की कहानी कह रहे हैं।

गेंहू के निर्यात में भी हुई बढ़ोतरी

गेहूं के मामले में, भारत ने 2020-21 के दौरान सात नए देशों-यमन, इंडोनेशिया, भूटान, फिलीपींस, ईरान, कंबोडिया और म्यांमार को पर्याप्त मात्रा में अनाज का निर्यात किया। पिछले वित्तीय वर्षों में, इन देशों को बहुत कम मात्रा में गेहूं का निर्यात किया गया था। 2018-19 में इन सात देशों को गेहूं का निर्यात नहीं हुआ और 2019-20 में केवल 4 मीट्रिक टन अनाज का निर्यात किया गया। अब इन देशों को गेहूं के निर्यात की मात्रा 2020-21 में बढ़कर 1.48 लाख टन हो गई।

अन्य अनाजों के निर्यात में भी हुई वृद्धि

चावल और गेहूं को छोड़कर अन्य अनाज के निर्यात के मामले में, भारत ने 2020-21 में नए देशों – सूडान, पोलैंड, बोलीविया, कोलंबिया, कांगो डी. गणराज्य और घाना में पर्याप्त मात्रा में अनाज भेजाI भारत ने 2018-19 में इन छह देशों को चावल और गेहूं के अलावा अन्य अनाज का निर्यात नहीं किया था। वहीं 2019-20 में चावल और गेहूं के अलावा केवल 102 मीट्रिक टन अनाज का निर्यात किया गया था, जो 2020-21 में बढ़कर 521 मीट्रिक टन हो गया।

किसकी कितनी वृद्धि हुई

वर्ष 2020-21 के भारत के कुल अनाज निर्यात में, गैर-बासमती चावल का निर्यात 136.04% की वृद्धि के साथ 4,794.54 मिलियन अमरीकी डालर का हुआ, वहीं गेहूं का निर्यात 774.17% बढ़कर 549.16 मिलियन अमरीकी डॉलर; और अन्य अनाज (बाजरा, मक्का और अन्य मोटे अनाज) का निर्यात 238.28% बढ़कर 694.14 मिलियन अमरीकी डालर का हो गया।

चावल निर्यात संवर्धन फोरम की स्थापना हुई

एपीडा मूल्य श्रृंखला में विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग के माध्यम से चावल के निर्यात को बढ़ावा देता रहा है। सरकार ने एपीडा के तत्वावधान में चावल निर्यात संवर्धन फोरम (आरईपीएफ) की स्थापना की थी। आरईपीएफ में चावल उद्योग, निर्यातकों, एपीडा के अधिकारियों, वाणिज्य मंत्रालय और पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा सहित प्रमुख चावल उत्पादक राज्यों के कृषि निदेशकों का प्रतिनिधित्व है।