भारतीय रेल विभिन्न गंतव्यों के लिए 261 गणपति स्पेशल ट्रेनें चलाएगा

महामारी में देश की सबसे अधिक सेवा किसी ने की है, तो कह सकते हैं कि वह भारतीय रेलवे है। कठिन से कठिन परिस्थितियों में उसके पहिये नहीं थमे। फिर चाहे ऑक्सीजन पहुंचाना हो या किसान रेल के माध्यम से सब्जी और फल शहरों तक पहुंचाना, भारतीय रेल अपनी जिम्मेदारियों को सदैव समय पर पूरा करती रही। अब त्योहारों के इस सीजन में भारतीय रेल एक बार फिर आगे आई है। भारतीय रेल की इस बार त्योहारों की भीड़ को कम रखने के लिए स्पेशल रेलगाड़ियां चलाने की योजना है।

क्या है भारतीय रेल की इस पहल का उद्देश्य

त्योहारों के इस सीजन में विशेषकर, गणपति उत्सव के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए और अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए, भारतीय रेल विभिन्न गंतव्यों के लिए 261 गणपति स्पेशल ट्रेनें चलाएगा। इसी करण इनका नाम गणपती स्पेशल रखा गया है। आपको बता दें, ये सभी रेलगाड़ियां विशेष किराये वाली होंगी।

कौन-सा जोन चलाएगा कितनी रेलगाड़ियां

भारतीय रेल के मध्य रेलवे जोन द्वारा 201 गणपति स्पेशल ट्रेन चलाईं जा रही हैं। वहीं पश्चिम रेलवे द्वारा 42 गणपति स्पेशल ट्रेन और कोंकण रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केआरसीएल) 18 गणपति स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। आपको बता दें, इन ट्रेनों ने अगस्त के अंतिम सप्ताह से सेवाएं शुरू कर दी हैं।

20 सितंबर तक चलेंगी ये ट्रेनें

भारतीय रेल की ये गणपती स्पेशल ट्रेनें 20 सितंबर, 2021 तक चलेंगी। इसके अलावा, भीड़ को कम करने के लिए मुंबई से चलने वाली विभिन्न ट्रेनों में स्लीपर श्रेणी के अतिरिक्त कोच लगाए गए हैं। समय और ठहराव के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए यात्री www.enquiry.indianrail.gov.in को देख सकते हैं। इन स्पेशल ट्रेनों में केवल पहले से आरक्षित टिकट वाले यात्रियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी।

कोविड प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य

भारतीय रेल द्वारा यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे ट्रेन पर प्रवेश करते समय, यात्रा के दौरान और गंतव्य स्टेशन पर कोविड -19 से संबंधित सभी नियमों तथा एसओपी का पालन करें। कोविड महामारी के कारण सावधानी बरतना जरूरी है।

कोविड के दौर में रेलवे की भूमिका

रेलवे ने कोविड के चरम समय में देश की अभूतपूर्व सेवा की। रेल के डिब्बों को स्पेशल आइसोलेशन कोच में बदला गया। इसके अलावा भारतीय रेल ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से देश के हर हिस्से में ऑक्सीजन पहुंचाई। साथ में भारतीय माल ढुलाई में एक के बाद एक नए रिकॉर्ड बनती रही। भारतीय रेल ने इस दौरान न सिर्फ अपनी गति बढ़ाई अपितु समय की सटीकता को भी प्राप्त किया।