अफ्रीका को भारत का समर्थन हमेशा बिना किसी शर्त या गुप्त एजेंडा के रहा है: विदेश मंत्री एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र और अफ्रीकी संघ के बीच सहयोग विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली चर्चा में कहा कि अफ्रीका को भारत का समर्थन हमेशा बिना किसी शर्त या गुप्त एजेंडा के रहा है। विदेश मंत्री ने कहा, हमने अफ्रीका की प्राथमिकताओं, सुविधा और आकांक्षाओं के अनुरूप उसके साथ काम किया है। हमारा मानना है कि वैश्विक व्यवस्था में सच्ची बहु-ध्रुवीयता के लिए अफ्रीका का बढ़ना जरूरी है और हम ऐसा होने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अफ्रीकी देशों का प्रतिनिधित्व से लगातार इनकार करना परिषद की सामूहिक प्रामाणिकता पर धब्बा

विदेश मंत्री ने कहा कि अनेक अफ्रीकी देशों को प्रदान की गई दवाओं, टीकों, स्वास्थ्य उपकरणों, एंबुलेंसों, वाहनों और खाद्यान्नों के ज़रिए अफ्रीका को भारत का समर्थन देखा जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता में अफ्रीकी देशों का प्रतिनिधित्व से लगातार इनकार करना परिषद की सामूहिक प्रामाणिकता पर धब्बा है। विदेश मंत्री ने अफ्रीकी देशों के आतंकवाद निरोधक अभियानों में समर्थन की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि अफ्रीका में आतंकवाद फैलना बहुत चिंता की बात है जैसा कि साहेल, सोमालिया और मध्य तथा पूर्वी अफ्रीका की चुनौतियों से जाहिर है। जयशंकर ने कहा कि सोमालिया में अफ्रीकी संघ के मिशन, जी-5 साहेल संयुक्त बल और बहुराष्ट्रीय संयुक्त कार्य बल की पहलों को सुरक्षा परिषद तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक समर्थन की जरूरत है।