सरकार द्वारा तबादला सत्र शून्य किया जाना शिक्षकों के हित में नहीं – गोविन्द सिंह कुंजवाल

आज जागेश्वर विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल ने शिक्षकों के तबादले को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया, उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि, उन्हें राजकीय शिक्षक संघ चम्पावत द्वारा अवगत  हुआ है कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा इस वर्ष तबादला सत्र शून्य कर दिया गया है जो कि बेहद निराशाजनक है।

नौनिहालों के भविष्य से साथ-साथ उन शिक्षकों के साथ घोर अन्याय है

सरकार वर्ष 2017 से अभी तक इतनी लम्बी अवधि बीत जाने के बावजूद भी ट्रांसफर अधिनियम में निहीत प्रावधानों के तहत ट्रांसफर नहीं कर पायी मान्यवर ट्रांसफर सत्र शून्य करने के आदेश से हमारे नौनिहालों के भविष्य से साथ-साथ उन शिक्षकों के साथ घोर अन्याय है जो 10-20 वर्षों से दुर्गम स्थानों पर कार्यरत है। यह उन शिक्षकों का अपमान है जो ज्ञान के प्रचार प्रसार के साथ-साथ सामाजिक कार्यक्रमों जैसे पल्स पोलियो जन जागरण चुनाव डियुटी आदि के साथ वर्तमान कोरोना काल में अपनी जान को जोखिम में डालकर वैक्सीनेशन, कंट्रोल रूम में डियुटी और जन जागरूकता का कार्य कर रहें हैं।

ट्रांसफर एक्ट का पालन करवाना भी आपकी नैतिक जिम्मेदारी है

उन्होंने कहा कि मान्यवर सरकार द्वारा जब कोरोना काल में कुम्भ, चुनाव आदि को कराया जा सकता है तो ऑनलाइन ट्रांसफर के प्रति उदासीनतापूर्ण रवैया क्यों अपनाया जा रहा है ऐसे में तबादला सत्र शून्य किये जाने के निर्णय को वापस लेते हुए आपके ही द्वारा बनाये गये ट्रांसफर एक्ट का पालन करवाना भी आपकी नैतिक जिम्मेदारी है नौनिहालों के भविष्य को देखते हुए ट्रांसफर एक्ट के अनुसार ऑनलाइन काउंसिलिंग प्रक्रिया के आधार पर अनिवार्य स्थानान्तरण सहित सभी श्रेणियों के स्थानान्तरण यथाशीघ्र करवाये जायें लगभग 4 वर्ष पूर्व बने तबादला एक्ट के आधार पर आज तक एक भी तबादला नहीं हुआ है। छूटपुट जो भी तबादले हुए है इस एक्ट के विपरीत किये गये हैं जिससे भी शिक्षकों व कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

जल्द से जल्द निर्णय की अपील की गयी

जागेश्वर विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल ने मुख्यमंत्री से  सारे बिन्दुओं को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल प्रभाव से उक्त एक्ट के आधार पर शिक्षकों के तबादला के लिए जल्द से जल्द निर्णय लेने को कहा है ।