अल्मोड़ा: सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा ने दो वर्ष में कई उपलब्धियां हासिल की

सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय  स्थापना के दूसरे वर्ष को कल (शनिवार को) पूर्ण कर जाएगा। विश्वविद्यालय को अपने अस्तित्व में आए हुए दो वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। स्थापना अवसर पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नरेंद्र सिंह भंडारी ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय को बने हुए दो वर्ष पूर्ण होने को है। इस अवधि में विश्वविद्यालय ने कई उँचाईयों को छुआ है। विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मी, विद्यार्थियों, जनमानस के सहयोग से यह विश्वविद्यालय प्रगति पथ पर निरंतर बढ रहा है। शनिवार को यह विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के दूसरे वर्ष में प्रवेश करेगा। विश्वविद्यालय के प्रसाशनिक भवन में स्थापना दिवस मनाया जाएगा। 

इन दो वर्षोें में विश्वविद्यालय ने कई उपलब्धियों को प्राप्त किया

एस0एस जीना, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ इस विश्वविद्यालय के तीन परिसर बनाए गए हैं। जहां अध्ययन-अध्यापन कार्य का सुचारू संचालन हो रहा है। इन दो वर्षोें में विश्वविद्यालय ने कई उपलब्धियों को प्राप्त किया है। इन दो वर्षों में परीक्षा कार्यों के संचालन के लिए परीक्षा अनुभाग, शोध आदि गतिविधियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए शोध एवं प्रसार निदेशालय, विश्वविद्यालय हरेला पीठ, स्वामी विवेकानंद शोध एवं अध्ययन केंद्र, ग्रीन आॅडिट, खेल प्रभाग, मीडिया प्रभाग आदि की स्थापना कर दी गई है। जिसमें विविध गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। विश्वविद्यालय कल्चरल एंड यूथ अफेयर सेल, पर्यावरण अनुकूल सतत विकास समिति, कैंपस सस्टेनबिलिटी कमेटी का गठन कर कार्य करना आरंभ किया है। विश्वविद्यालय ने पोलैंड, आयुर्वेद विश्वविद्यालय, फाॅरेस्ट विभाग,टैक्नो हब आदि के साथ एमओयू कर जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, एवं शोध के आदान-प्रदान के लिए कार्य किए गए हैं। पर्यावरण जागरूकता के लिए विश्वविद्यालय ने दर्जनों ग्रामों को गोद लिया है। जहां पर्यावरण संरक्षण, जल संवर्धन, नौला संरक्षण, विधिक साक्षरता, योग साक्षरता जैसे कई क्रिया कलापों को संचालित किया है।

विश्वविद्यालय ने शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षाओं का सफल संचालन कर इस विश्वविद्यालय के गौरव को बढ़ाया है

विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सेमिनार/वेबिनार, संगोष्ठियों, गोष्ठियों का आयोजन कर देश-विदेश के विशेषज्ञों के अनुभवों को जनमानस तक साझा किया है।
कुलपति प्रो0 एन0एस0 भंडारी ने बताया कि विश्वविद्यालय ने सीमांत जनपदों के महाविद्यालयों के साथ विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों में महिला एवं पुरुष ताइक्वांडो, क्रिकेट, फुटबाॅल,टेनिस जैसी दर्जनों क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का संचालन किया है। सीमांत जनपदों में प्रथम बार विविध क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का आयोजन कर प्रतिभावान खिलाड़ियों कोे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं  के लिए तैयार करना शुरू किया है। विश्वविद्यालय के संरचनात्मक, मानव संसाधन एवं भौतिक संसाधनों की पूर्ति के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षाओं का सफल संचालन कर इस विश्वविद्यालय के गौरव को बढ़ाया है। विश्वविद्यालय के शिक्षा, दृश्यकला, हिंदी, वनस्पति, मनोविज्ञान, पत्रकारिता एवं जनसंचार, कंप्यूटर विज्ञान, योग, विधि आदि विभागों ने कोरोनाकाल में जनमानस को जागरुक करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिससे यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति पा रहा है।

आगे भी विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए कार्य करते रहेंगे

कुलपति प्रो भंडारी ने कहा कि विश्वविद्यालय समुदायों के बीच जाकर  शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास  के लिए काम कर रहा है। कई समाजसेवी, जनप्रतिनिधि हमारी पहल का स्वागत कर सहयोग दे रहे हैं। हम आगे भी विश्वविद्यालय के उन्नयन के लिए कार्य करते रहेंगे।