मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, पूरे देश में होगी जाति जनगणना, किसानों को भी दी बड़ी राहत

देश दुनिया की खबरों से हम आपको रूबरू कराते रहते हैं। एक ऐसी खबर हम आपके सामने लाए हैं। आज बुधवार को‌ केंद्र की मोदी सरकार ने जनगणना कराने से जुड़ी एक बड़ी घोषणा की है। सरकार ने देश में जाति जनगणना कराने का फैसला किया है।

मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज कैबिनेट की बैठक में जरूरी फैसले लिए गए। जिस पर केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन फैसलों की जरूरी जानकारी दी है। उन्होंने कहा “राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।” इसके अलावा अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि गन्ना किसानों को बड़ी राहत दी गई है। गन्ने का FRP बढ़ाया गया है। 2025-26 गन्ना सत्र के लिए किसानों को राहत देते हुए 355 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को भी मंजूरी दी गई है।

जानें क्या है जातिगत जनगणना

जातिगत जनगणना का अर्थ है जनगणना की कवायद में भारत की जनसंख्या का जातिवार सारणीकरण शामिल करना। देश में जनगणना की शुरुआत 1881 में हुई थी। पहली बार हुई जनगणना में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी हुए थे। इसके बाद हर दस साल पर जनगणना होती रही। 1931 तक की जनगणना में हर बार जातिवार आंकड़े भी जारी किए गए। 1941 की जनगणना में जातिवार आंकड़े जुटाए गए थे, लेकिन इन्हें जारी नहीं किया गया। आजादी के बाद से हर बार की जनगणना में सरकार ने सिर्फ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के ही जाति आधारित आंकड़े जारी किए। अन्य जातियों के जातिवार आंकड़े 1931 के बाद कभी प्रकाशित नहीं किए गए। यह धर्मों, भाषाओं और सामाजिक-आर्थिक स्थिति से संबंधित डेटा भी प्रकाशित करता है।