हाईकोर्ट ने बुधवार को देहरादून सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण के लिए 2057 पेड़ों के प्रस्तावित कटान के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
खण्डपीठ ने आदेश को संशोधन करते हुए रोड चौड़ीकरण के आदेश पर लगी रोक को हटा दिया है।
972 पेड़ो को दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करने के निर्देश दिए
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में सुनवाई हुई।
कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि 972 पेड़ो को दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करें, रोड के दोनों तरफ वहाँ उगने वाले पेड़ों को लगाएंगे और इनकी पाँच साल तक देखरेख करेंगे। जिसकी रिपोर्ट प्रत्येक छः माह के भीतर कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे। मामले में पहली रिपोर्ट दिसंबर दूसरे सप्ताह में पेश करेंगे। आज राज्य सरकार ने इस सम्बंध में कोर्ट में अंडरटेकिंग दी।
सरकार 1066 यूकेलिप्टिस के पेड़ों को काटना चाह रही है
आज सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्र शेखर रावत ने कोर्ट को बताया कि रोड का चौड़ीकरण करना बहुत आवश्यक है। जिससे सरकार 1066 यूकेलिप्टिस के पेड़ों को काटना चाह रही है इन पेड़ों की उम्र 40 साल से अधिक हो चुकी है। 72 पेड़ इसी तरह रहेंगे और 465 जो महत्वपूर्ण है उन्हें ट्रांसप्लांट कर रहे है। जिस पर कोर्ट ने 972 पेड़ो को ट्रांसप्लांट करने को कहा ।
ये है याचिका
देहरादून निवासी आशीष गर्ग ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून जोगिवाला से ख़िरसाली चौक होते हुए सहस्त्रधारा मार्ग के प्रस्तावित चौड़ीकरण के लिए 2057 पेड़ों का कटान किया जाना है। देहरादून घाटी और शहर पहले से ही जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहा है और हर जगह तापमान में बढ़ोत्तरी भी देखी जा रही है। एक ओर, सहस्त्रधारा अपने शीतल जल और पर्यावरण के लिए जाना जाता है, दूसरी ओर इस तरह के प्रस्तावित कटान से पूरा सहस्त्रधारा तक का रास्ता बिलकुल उजाड़ और बंजर हो जाएगा। इसके अस्तित्व को बचाए रखने के लिए पेडों के कटान पर रोक लगाई जाए।
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