प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के सफल क्रियान्वयन में यह राज्य सबसे आगे

केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ”प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना” मातृ शक्ति को राष्ट्र शक्ति’ बनाने के लिए कार्य कर रही है ।  देश के विभिन्न राज्य आगे आगे आकर केंद्र की योजना को मजबूती देने का कार्य कर रहे है ।
भारत में अधिकांश महिलाओं को आज भी अल्पपोषण प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। अल्पोषित और रक्ताल्पता या रक्तहीनता से पीड़ित माता कम वजन वाले शिशुओं को ही जन्म देती है। जब कुपोषण गर्भाशय में शुरू हो जाता है तो यह पूरे जीवन चक्र में चलता रहता है और ज्यादातर मामले अपरिवर्तनीय हो जाते हैं। आर्थिक और सामाजिक तंगी के कारण कई महिलाएं अपनी गर्भावस्था के आखिरी दिनों तक अपने परिवार के लिए जीविका अर्जित करना जारी रखती है। इसके अलावा, वे बच्चे को जन्म देने के बाद समय से पहले काम करना शुरू कर देती हैं, जबकि उनका शरीर इसके लिए तैयार नहीं होता। इस प्रकार वे एक तरफ अपने शरीर को पूरी तरह स्वस्थ होने से रोकती हैं और पहले छह माह में अपने नौनिहालों को स्तनपान कराने की अपने सामर्थ्य में भी बाधा पहुंचाती हैं।
लेकिन अब पहली बार गर्भवती हुई महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार स्वंय ऐसी महिलाओं के खान-पान का विशेष ध्यान रख रही है।

मध्‍य प्रदेश सबसे आगे

मध्‍य प्रदेश तो इस मामले में देश भर में सबसे आगे निकल गया है। इस योजना के जरिए काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देने और उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करने के लिए योजना के क्रियान्‍वयन में प्रदेश सबसे आगे है। दरअसल, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार और नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीन-पोषण के प्रभाव को कम करना भी इस योजना का मुख्‍य उद्देश्‍य है। इसके साथ ही मातृ-मृत्यु दर में कमी लाने में यह योजना बहुत सहायक बनकर सभी के सामने आई है। योजना में मध्य प्रदेश पिछले तीन वर्षों से पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।

ऐसे की जाती है सहायता

योजना में पहले बच्चे के जन्म पर सुरक्षित मातृत्व के लिए 5,000 रुपए की सहायता तीन किश्तों में दी जाती है। एक हजार रुपए की पहली किश्त आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्भावस्था का पंजीयन कराने पर, 2,000 रुपए की दूसरी किश्त कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने और गर्भावस्था के छह माह पूर्ण होने पर तथा दो हजार रुपए की तीसरी किश्त बच्चे के जन्म के पंजीकरण और बच्चे के प्रथम चक्र के टीकाकरण पूर्ण होने पर दी जाती है।

योजना से क्या है लाभ?

इस योजना से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म के दौरान फायदा होता है। योजना की लाभ राशि ”प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण” (डीबीटी) के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे भेज दी जाती है।

यह राज्य सबसे आगे

देश भर में ”प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना” के सफल क्रियान्‍वयन में हिमाचल प्रदेश द्वितीय स्‍थान पर रहा है, जहां पर कि कुल 139 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। वहीं, तृतीय रहे आंध्र प्रदेश में 11 लाख 69 हजार 730 महिलाओं को योजना का लाभ अब तक दिया जा चुका है।