March 29, 2024

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आज सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कूर्मांचल एवं एन बी छात्रावास में मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस, नेशनल मेडिशनल प्लांट बोर्ड का रहा सहयोग

आज 5 जून को पूरी दुनिया में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसी क्रम में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कूर्मांचल एवं एन बी छात्रावास में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। इसमें नेशनल मेडिशनल प्लांट बोर्ड ने सहयोग दिया।

पर्यावरण गोष्ठी हुई आयोजित-

विश्व पर्यावरण दिवस पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कूर्मांचल एवम एन बी छात्रावास में एक पर्यावरण गोष्ठी आयोजित हुई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी, परिसर निदेशक प्रो जगत सिंह बिष्ट, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो जया उप्रेती, कुलसचिव डॉ बिपिन चंद्र जोशी, क्लीन कैंपस ग्रीन कैम्पस के संयोजक डॉ नवीन भट्ट ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। वही इस आयोजन का संचालन रजनीश जोशी ने किया।

छात्रावास के आस-पास किया गया वृक्षारोपण-

कूर्मांचल छात्रावास के छात्रावास अधीक्षक डॉ देवेंद्र धामी और एन बी छात्रावास के अधीक्षक डॉ नवीन भट्ट के निर्देशन में वृक्षारोपण की शुरुवात की और अतिथियों ने छात्रावास के आस-पास वृक्षारोपण किया।

मेडिशनल प्लांट्स को लगाए जाने की आवश्यकता पर देना होगा बल-

इस अवसर पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बिपिन चंद्र जोशी ने  मेडिशनल प्लांट्स को लगाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति जी ने मीत पीपल अभियान शुरू किया है। यह पूरे राज्य में फैल गया है। इस अभियान से सभी जुड़ रहे हैं। इस अभियान को हम बहुत बड़े स्तर पर के जाने के प्रयास करेंगे। उन्होंने नेशनल मेडिशनल प्लांट बोर्ड नई दिल्ली(स्पॉन्सर्ड बाई नेशनल मेडिशनल प्लांट बोर्ड) की रूपरेखा बताई। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत हम घरों में हम मेडिशनल प्लांट लगाने के लिए जागरूक कर रहे हैं। हम 20 मेडिशनल प्लांट को अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ में लगाने के लिए एक प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं। ये पौधे हमारे जीवन से जुड़े हुए हैं। अधिष्ठाता छत्र कल्याण प्रोफेसर जया उप्रेती ने कहा कि पेड़ों को लगाना है और उन्हें बचाना है। हमें स्नातकोत्तर के विद्यार्थी को आवश्यक रूप से पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

बच्चों को भी पर्यावरण से जोड़ना बेहद अनिवार्य-

परिसर के निदेशक प्रोफेसर जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि पर्यावरण एक संवेदनशील विषय है। हम इस समय बहुत विकराल विभीषिका से गुजर रहे हैं। जिससे हमें सचेत रहने की जरूरत है। हमें बच्चों को भी अपने पर्यावरण से जोड़ना होगा। उनकी रुचि को बढ़ाना होगा। जिस युग में हम हैं, वहां तक आने में बहुत समय लगा है।
हमें प्राकृतिक संसाधनों का सही से प्रयोग करना होगा।नगरीय-महानगरीय संस्कृति से हटकर हम पर्यावरण के बीच रहें।  पर्यावरण को लेकर उन्होंने कहा कि हमें  पर्यावरण को समझना है, उसका संवर्धन करना है। 
विकास के दौर में हमें प्रकृति की चिंता करनी चाहिए, जो हम नहीं कर पा रहे हैं। हमें पेड़ लगाना ही नहीं, बल्कि उसे बचाना भी है। पर्यावरण पर चिंतन किया जाना आवश्यक है। हमें प्रत्येक वर्ष वनारोपण करना होगा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय ने कोविड के समय जनमानस को जागरुक करने में और पर्यावरण कर संरक्षण के लिए बेहतर कार्य किया है। जिसमें योग विज्ञान, पत्रकारिता एवं जनसंचार, मनोविज्ञान, राष्ट्रीय सेवा योजना, कुमाउनी भाषा, शिक्षा आदि विभागों ने बहुत सराहनीय योगदान दिया है। जिसमें शिक्षक, छात्र आदि बेहतर कार्य कर रहे हैं, जो विश्वविद्यालय के लिए गौरव और सफलता की बात है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण में हो रहे असंतुलन पर ग्लोबल स्तर पर चिंतन किया जा रहा है। इस महामारी के  समय यह चिंता और गहरी हुई है, इसलिए सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय ने क्लीन कैंपस ग्रीन कैम्पस, मीत पीपल जैसे अभियानों को जनमानस के सहयोग से शुरू किया है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि आइये पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन के लिए शपथ लें।

कूर्मांचल छात्रावास में वृक्षारोपण हेतु आये अतिथियों का जताया आभार-

इस दौरान भार जताते हुए कार्यक्रम के संयोजक डॉ नवीन भट्ट ने कहा कि हम सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण करते रहेंगे और पृथ्वी को हरा-भरा करने के लिए सहयोग करेंगे। कुलपति के निर्देशन में क्लीन कैंपस ग्रीन कैंपस अभियानों को जान मानस के बीच ले जाकर सभी को इस मुहिम से जोड़ेंगे। इस अवसर पर
कूर्मांचल छात्रावास के अधीक्षक डॉ देवेंद्र धामी ने कूर्मांचल छात्रावास में वृक्षारोपण हेतु आये अतिथियों का आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर यह लोग रहे शामिल-

इस अवसर पर डॉ नंदन बिष्ट, नमामि गंगे की विश्वविद्यालय संयोजक डॉ ममता असवाल,  डॉ भाष्कर चौधरी, डॉ मुकेश सामंत, कूर्मांचल छात्रावास के अधीक्षक डॉ देवेंद्र धामी, डॉ ललित जोशी,गिरीश अधिकारी, रजनीश जोशी, चंदन लटवाल, ललित पोखरिया,गोबिंद मेर, मोहन सिंह , दिनेश पटेल, गौरव उप्रेती, विजयानंद जोशी, अंकित जोशी ,अंकुर कांडपाल, अतुल कुमार यादव , गौरव उप्रेती शामिल रहे।