नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड के पद से हटाए गए प्रदेश के वरिष्ठतम आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी के स्थान्तरण के मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खण्डपीठ में हुई।
प्रमुख वन संरक्षक पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के पद पर स्थान्तरण:
आईएफएस अधिकारी राजीव भरतरी ने कहा है कि वे राज्य के सबसे सीनियर भारतीय वन सेवा के अधिकारी हैं। किंतु सरकार ने 25 नवंबर 2021 को उनका स्थान्तरण प्रमुख वन संरक्षक पद से अध्यक्ष जैव विविधता बोर्ड के पद पर कर दिया था।
प्रत्यावेदनों की सुनवाई नहीं की गई:
जिसको उन्होंने संविधान के खिलाफ मानते हुए सरकार को चार प्रत्यावेदन दिए। लेकिन सरकार ने इन प्रत्यावेदनों की सुनवाई नहीं की। राजीव भरतरी ने कहा कि उनका स्थान्तरण राजनीतिक कारणों से किया गया है, जिसमें उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ है।
कॉर्बेट नेशनल पार्क के भीतर हो रहे अवैध निर्माण कार्यों की जांच से हटाना चाहते थे:
पीसीसीएफ अधिकारी राजीव भरतरी के स्थान्तरण के पीछे एक मुख्य कारण कॉर्बेट नेशनल पार्क के भीतर हो रहे अवैध निर्माण व इन निर्माणों की जांच राजीव भरतरी करने के कारण इस पर प्रभावित करना भी माना जा रहा था। आरोप है कि तब तत्कालीन वन मंत्री एक अधिकारी के समर्थन में राजीव भरतरी को पीसीसीएफ पद व कार्बेट पार्क में हो रहे निर्माण कार्यों की जांच से हटाना चाहते थे।