उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेला भव्य रूप से आयोजित किया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते कुंभ मेले को ज्यादा दिन तक आयोजित नहीं किया जा सका। वही कुंभ मेले में आ रहे लोगों की कोरोना जांच पर भी कई घोटाले सामने आ रहे हैं। जिसके लिए अब सरकार भी सख़्त हो गई है।
निजी लैबों पर घोटाले का आरोप-
कुंभ मेले के दौरान हुए टेस्टों पर इन निजी लैबों पर आरोप लग रहा है कि इन लैबों ने सरकार से ज्यादा से ज्यादा पैसे वसूलने के लिए एंटीजन टेस्टों की संख्या में बड़ा फर्जीवाड़ा किया है। इन लैबों ने सरकार से अधिक से अधिक भुगतान पाने के लिए फर्जी आधार कार्डों को दिखाया है और इस प्रकार के सभी टेस्टों को नेगेटिव भी दिखाया गया है।
आईसीएमआर के संज्ञान में आया मामला-
जिसके बाद यह मामला आईसीएमआर के संज्ञान में आया तो शासन ने इसकी जांच की, जिसके बाद जिलाधिकारी हरिद्वार को इसकी जांच सौंप दी गई है।
कंपनियों और अधिकारियों के खिलाफ होगी सख़्त कार्यवाही-
वही शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा है कि राज्य में कोरोना की फर्जी जांच कर निगेटिव रिपोर्ट जारी करने का मामला बहुत गंभीर है, जिसके बाद इस मामले में अब सरकार ऐसी कंपनियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख़्त कार्यवाही करेगी।
सरकार हुई सख़्त-
उत्तराखंड सरकार भी इस मामले में सख़्त हो गई है। जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने कोरोना टेस्ट घोटाले में लिप्त हुए निजी लैब का 3 करोड़ रुपए का पेमेंट भी रोक लिया है।