उत्तराखंड लोक वाहिनी ने त्रैपन सिंह चौहान की पुण्य तिथि को चेतना दिवस के रूप में मनाया

चेतना आंदोलन के साथी व उत्तराखण्ड लोक वाहिनी के निकटतम सहयोगी त्रैपन सिंह चौहान की पुण्य तिथि पर आज उत्तराखंड लोक वाहिनी ने उनकी पुण्यतिथि को चेतना दिवस के रूप में मनाया।

त्रैपन सिंह चौहान ने ना केवल  जल,जंगल व जमीन के जन आंदोलनों का नेतृत्व किया अपितु लेखन कार्य भी किया

   जंग बहादुर थापा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक का संचालन महासचिव पूरन चंद्र तिवारी ने किया।  इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि त्रैपन सिंह चौहान ने ना केवल  जल,जंगल व जमीन के जन आंदोलनों का नेतृत्व किया अपितु लेखन कार्य भी किया । वक्ताओं ने कहा कि इस समय उत्तराखंड में भू – माफिया बेलगाम हो गए हैं,  पहाड़ों में बड़ी भारी संख्या में बाहरी प्रदेशों के लोग जमीन खरीद रहे हैं ।प्रदेश में अन्य हिमालयी राज्यों की तरह सख्त कानूनों को लागू करने की आवश्यकता है।  उत्तराखंड लोक वाहिनी विगत बीस वर्षों से राज्य बन जाने के बाद से लगातार आवाज उठा रही है,  पहाड़ों में अवैज्ञानिक ढंग से खोदी जा रही सड़कों के कारण पहाड़ दरकने लगे हैं । दिल्ली की राजनीतिक पार्टियों का पहाड़ों के प्रति कोई विजन नहीं है ।

उत्तराखंड में धारा 371 लागू कर यहां के जल, जंगल व जमीनों का संरक्षण किया जाए

इस अवसर पर उत्तराखंड लोक वाहिनी के वरिष्ठ नेता एडवोकेट जगत रौतेला ने कहा कि उत्तराखंड में धारा 371 लागू कर यहां के जल, जंगल व जमीनों का संरक्षण किया जाए । कुणाल तिवारी ने गिर्दा के गीत गाते हुए कहा कि उत्तराखंड लोक वाहनी लगातार जन जागृति के लिए प्रयास कर रही है । जंग बहादुर थापा ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई से आमजन त्रस्त है, सामाजिक सरोकारों की आवाजों को बुलंद करने की आवश्यकता आज और भी जरूरी हो गई है । पहाड़ों में छोटी-छोटी इको फ्रेंडली जल विद्युत परियोजनाएं मजदूर हितों के संघर्ष  में प्राथमिकताओं में शामिल रहे हैं ।
अजय  सिंह बिष्ट ने कहा कि राज्य बन जाने के दो दशक बीत जाने के बावजूद यह राज्य अभी भी पलायन, बेरोजगारी के आभाव का दंश झेल रहा है । दयाकृष्ण कांडपाल ने कहा कि उत्तराखंड लोक वाहनी भू- कानून के पक्ष में चल रहे समस्त आंदोलनों के साथ हैं तथा राज्य की क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को एकजुटता की पक्षधर है। 

यह लोग रहे मौजूद

बैठक में  रेवती बिष्ट,एडवोकेट जगत रौतेला , कुणाल तिवारी,अजयमित्र सिंह बिष्ट, दयाकृष्ण कांडपाल,पूरन चंद्र तिवारी, जंग बहादुर थापा, अजय सिंह मेहता, कलावती तिवारी, माधुरी मेहता, शमशेर सिंह गुरंग,अदिति आदि शामिल रहे।