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उत्तराखंड के किसान को आत्मनिर्भर बनाने के साथ भारत सरकार उत्तराखंड को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके साथ ही पलायन को रोकने के लिए कई योजनाओ के जरिए कदम उठा रही है।
विदेश से आयात की गई नयी आड़ू की प्रजाति-
इसके तहत अल्मोड़ा हाइवे स्थित भारत सरकार के
नेशनल ब्यूरो ऑफ प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेस एनबीपीजीआर में विदेशों से आयात की गई आड़ू (नेकट्रिन) की 10 किस्म की नई प्रजाती लगाई गई है। केंद्र ने 2017 में अमेरिका, यूरोप से आड़ू की प्रजातीया आयात कर 2019 में निगलाट में लगाई गई। इससे पहले यह जम्मू कश्मीर, हिमांचल प्रदेश में सीमित मात्रा में थी।
इस आड़ू की खासियत-
इस आड़ू की नई किस्म में पहाड़ी आड़ू की तरह रोये नही होते हैं। इसका साइज कलर कुछ अलग होता है। नेक ट्रिन आड़ू से उत्तराखंड में किसानों को अच्छी आय मिल सकेगी। केंद्र में 10 पौंधों का मूल्यांकन किया जा रहा है। उसके बाद उत्तराखंड के किसानों को खेती के लिए पौंधे दिए जाएंगे। पादप अनुवंशिक केंद्र के अनुसार इसमे रोये नही होते और ये खाने में स्वादिष्ट और हल्का होता है। इसके पौंधे जनवरी में लगाए जाते है। एक साल में पेड़ फल देने लगते हैं। पर्यटकों को यह अन्य फलों की अपेक्षा खुभ लुभाएगा। पहाड़ी आड़ू के मुकाबले कुछ महंगा होगा।
नेकट्रिन आड़ू की ये10 किस्म लगाई है-
फेनटेसिया
डरबिन
स्नोक्वीन
मेंफायर
रेड गोल्ड
इंडि पेंडेंस
डाक फेंटेसी
सन कोस्ट
सिल्वर किंग
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