उत्तराखंड : अब होमगार्ड्स भी देगें आपदा प्रबंधन में योगदान, होमगार्ड मुख्यालय तैयार कर रहा है मोबाइल एप

उत्तराखंड जिले से जुड़ी खबर सामने आई है। प्रदेश में होमगार्ड्स की समय के साथ जिम्मेदारियां बढ़ाई जा रही हैं। वहीं उत्तराखंड में आने वाले समय में होमगार्ड आपदा प्रबंधन में भी योगदान देते दिखाई देंगे।जिसके लिए होमगार्ड मुख्यालय ने तैयारियां तेज कर दी हैं।

समय के साथ बढ़ते रहे हैं, होमगार्ड्स के दायित्व

उत्तराखंड में होमगार्ड्स के कार्यों को पिछले कुछ सालों में काफी विस्तृत किया गया है। सड़कों पर ट्रैफिक सहायक और दफ्तरों में फाइलें उठाने तक सीमित होमगार्डस अब नई पहचान और योगदान की तरफ बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में अब होमगार्ड मुख्यालय एक ऐसा एप्लीकेशन तैयार कर रहा है जो आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी होमगार्डस की भूमिका को तय करेगा। होमगार्ड मुख्यालय ने अपने कर्मियों की कार्य कुशलता को बढ़ाकर विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान को बढ़ाया किया है। पिछले कुछ समय में ही ऐसे कई क्षेत्र है, जहां पहली बार होमगार्डस प्रतिभाग करते हुए नजर आए हैं। हालांकि होमगार्डस को पुलिस के सहायक के रूप में ही लाया गया था। लेकिन अब जरूरत के लिहाज से उनकी भूमिका को बढ़ाया जा रहा है।

एप्लिकेशन तैयार करने हेतु, होमगार्ड मुख्यालय ने कसी कमर

होमगार्ड को राहत बचाव कार्य और प्राथमिक उपचार के लिए भी तैयार करने हेतु, विशेष प्रशिक्षण देने की योजना तैयार की गई है,इसके लिए होमगार्ड मुख्यालय एक एप्लिकेशन भी तैयार करेगा। वहीं दूसरी तरफ होमगार्ड मुख्यालय में ही कंट्रोल रूम बनाकर प्रदेश भर में मॉनिटरिंग के साथ कमांडिंग का काम भी यही से होगा। मोबाइल एप के जरिए किसी भी दुर्घटना की जानकारी इस पर दी जा सकेगी और यह जानकारी आते ही तत्काल उसे क्षेत्र में तैनात होमगार्ड और चौकीदार को भी इसकी सूचना मिल जाएगी। इसके बाद कंट्रोल रूम से इन्हें प्रभावित क्षेत्र में राहत बचाव के लिए फौरन भेजा जा सकेगा।

पुलिस और एसडीआरएफ के बाद अब होमगार्ड्स भी करेंगे राहत-बचाव कार्य

अब तक किसी भी दुर्घटना की जानकारी पुलिस और एसडीआरएफ को दी जाती है, लेकिन कई बार दुर्घटना स्थल इन टीमों से दूर होने के कारण समय से राहत बचाव कार्य नहीं हो पाता और स्थानीय लोग ही इस कार्य में राहत बचाव करते हुए दिखाई देते हैं। जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में करीब पांच हजार से ज्यादा होमगार्ड तैनात हैं। जबकि ग्राम स्तर पर अपनी सेवाएं देने वाले इतने ही चौकीदार भी पर्वतीय क्षेत्र में काम कर रहे हैं। लिहाजा इन्हें ट्रेनिंग देकर आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी होमगार्ड मुख्यालय एक बेहतर और नई पहल करने की कोशिश कर रहा है और इसकी शुरुआत मोबाइल एप्लीकेशन से की जाएगी। जिसे जल्द ही तैयार किया जाएगा। इससे पहले होमगार्ड को कमांडो ट्रेनिंग से लेकर पिस्टल और एसएलआर चलाने तक कि ट्रेनिंग दी गई है। मोटरसाइकिल राइडिंग टीम से लेकर पाइप बैंड भी होमगार्ड में पहली ही मर्तबा बना है। चार धामों में हेल्प डेस्क बनाकर तीर्थ यात्रियों की मदद का काम भी होमगार्ड पहली बार ही कर रहे हैं।