सावन मास की पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला पर्व रक्षाबंधन इस बार रविवार, 22 अगस्त को है। इस बार पूर्णिमा का चंद्रमा बेहद खास होगा। यह मून नहीं, ब्लू मून कहलाएगा। यानि, इस बार ब्लू मून के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा।
18 मई 2019 के बाद स्थिति अब बनी
विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने शनिवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि अगर किसी तीन महीने के एक सीजन में चार पूर्णिमा आती हैं, तो इनमें से तीसरी पूर्णिमा का चांद ब्लू मून कहलाता है। रक्षाबंधन पर 22 अगस्त को सावन मास की इस पूर्णिमा का चंद्रमा ब्लू मून होगा। यह स्थिति 18 मई 2019 के बाद अब बनी है। सारिका ने बताया कि एक साल में चार सीजन होते हैं और प्रत्येक सीजन तीन माह का होता है। आमतौर पर प्रत्येक सीजन में केवल तीन पूर्णिमा होती है, लेकिन दिन-रात छोटे-बड़े होने के कारण कभी-कभी एक सीजन में चार पूर्णिमा आ जाती है। उन्होंने बताया कि इस बार 21 जून को सबसे लम्बे दिन की तिथि और दिन रात बराबर होने की तिथि 22 सितम्बर के बीच की अवधि के खगोलीय सीजन में चार पूर्णिमा पड़ रही हैं। इनमें से रक्षाबंधन की पूर्णिमा तीसरी है। सीजन की इस अतिरिक्त तीसरी पूर्णिमा को नीला चांद या ब्लू मून कहा जाता है।
एक महीने में दो बार पूर्णिमा आने पर भी कहते हैं ब्लू मून
मिली जानकारी के अनुसार एक अन्य खगोलीय विचारधारा के अनुसार अगर किसी एक अंग्रेजी महीने में दो पूर्णिमा आ जाती हैं, तो दूसरी पूर्णिमा का चांद ब्लू मून कहलाता है। ऐसा 2020 में हुआ था, जब एक अक्टूबर की पूर्णिमा के बाद 31 अक्टूबर को भी पूर्णिमा आ गई थी।
क्या खास है इस ब्लू मून में
रक्षाबंधन का पर्व ब्लू मून के साथ मनाया जाएगा। इस पूर्णिमा का चांद भले ही ब्लू मून कहलाएगा, लेकिन यह सामान्य पूर्णिमा की तरह पीलापन लिए हुए दिखाई देगा। (सोशल मीडिया पर इस प्रकार की गलत तथ्य हो सकते हैं कि आज का चांद नीला दिखेगा)। सारिका ने बताया कि इस बार जब पूर्णिमा का चांद उदित होगा, तो इसके साथ सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर साथ होगा। यह इसके साथ आकाश में बना रहेगा। उन्होंने बताया कि ब्लू मून की पिछली घटना 18 मई 2019 को हुई थी। अब यह घटना 19 अगस्त 2024 को होगी।