नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर रविवार को हैरानी जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में दीर्घकालिक शांति के लिए लोगों की आकांक्षाओं और इच्छाओं को तृप्त करना होगा। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के इस तर्क पर हैरानी जताई कि निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन पूरा करने और चुनाव के बाद पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।
दिल जीतकर नयी दिल्ली और जम्मू कश्मीर के बीच के अंतराल को पाटना होगा
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है। उन्होंने पुंछ के मेंढर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ”मोदी ने तब कहा था कि दिल जीतकर नयी दिल्ली और जम्मू कश्मीर के बीच के अंतराल को पाटना होगा। जम्मू कश्मीर के दर्जे को कमजोर करके दिलों को नहीं जीता जा सकता, जिसे विभाजित कर दिया गया।” जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले का बचाव करते हुए शाह ने शनिवार को कहा था कि पांच अगस्त, 2019 का दिन कश्मीर के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा है। उन्होंने कहा था कि परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू कश्मीर में चुनाव कराये जाएंगे जिसके बाद पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।
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