आज 18 जुलाई है। आज भारत की पहली स्नातक और फिजीशियन महिला कादम्बिनी गांगुली का 160वां जन्म दिवस है। इस अवसर पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है। कादम्बिनी गांगुली भारत की पहली स्नातक और फ़िजीशियन महिला थीं। यही नहीं उनको भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी प्राप्त है। कादम्बिनी गांगुली पहली दक्षिण एशियाई महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था। इन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की लचर स्थिति पर भी काफ़ी कार्य किया बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की रचनाओं से कादम्बिनी बहुत प्रभावित थीं। उनमें देशभक्ति की भावना बंकिमचन्द्र की रचनाओं से ही जाग्रत हुई थी।
कादम्बिनी गांगुली का बिहार में हुआ था जन्म-
कादम्बिनी गांगुली का जन्म ब्रिटिशकालीन भारत में 18 जुलाई 1861 में भागलपुर, बिहार में हुआ था। उनका परिवार चन्दसी (बारीसाल, अब बांग्लादेश में) से था। इनके पिता का नाम बृजकिशोर बासु था। जो उदार विचारों के धनी थे। कादम्बिनी के पिता बृजकिशोर ने पुत्री की शिक्षा पर पूरा ध्यान दिया। कादम्बिनी ने 1882 में कोलकाता विश्वविद्यालय से बी.ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
चिकित्सा शास्त्र की डिग्री लेने वाली पहली महिला-
कादम्बिनी गांगुली कोलकाता विश्वविद्यालय’ से 1886 में चिकित्सा शास्त्र की डिग्री लेने वाली भी पहली महिला थीं।
इसके बाद वे विदेश गई और ग्लासगो और ऐडिनबर्ग विश्वविद्यालयों से चिकित्सा की उच्च डिग्रियाँ प्राप्त कीं। देश में भले ही महिलाओं को उच्चतर शिक्षा पाने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा हो, लेकिन कादम्बिनी गांगुली के रूप में भारत को पहली महिला डॉक्टर 19वीं सदी में ही मिल गई थी। कादम्बिनी गांगुली को न सिर्फ भारत की पहला महिला फ़िजीशियन बनने का गौरव हासिल हुआ, बल्कि वे पहली साउथ एशियन महिला थीं, जिन्होंने यूरोपियन मेडिसिन में प्रशिक्षण लिया था। कादम्बिनी गांगुली भारत की पहली स्नातक और फिजीशियन महिला थीं। 1878 में कादम्बिनी कलकत्ता यूनिवर्सिटी का एंट्रेस एग्जाम पास करने वाली पहली लड़की बन गई थीं। उनके इस सफर में देश की पहली महिला ग्रेजुएट होने का माइलस्टोन भी शामिल है।
कादम्बिनी गांगुली इतिहास में भाषण देने वाली भी पहली महिला-
कांग्रेस के 1889 के मद्रास अधिवेशन में उन्होंने भाग लिया और भाषण दिया। यही नहीं उनको भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में सबसे पहले भाषण देने वाली महिला का गौरव भी प्राप्त है। 1906 ई॰ की कोलकाता कांग्रेस के अवसर पर आयोजित महिला सम्मेलन की अध्यक्षता भी कादम्बिनी जी ने ही की थी। 1914 ई॰ में जब गाँधी जी कोलकाता आये तो उनके सम्मान में आयोजित सभा की अध्यक्षता भी कादम्बिनी ने ही की थी। कादम्बिनी गांगुली ने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की खराब स्थिति पर भी काफ़ी कार्य किया था।
कादम्बिनी गांगुली का निधन-
कादम्बिनी गांगुली का निधन 3 अक़्टुबर 1923 में कलकत्ता में हुआ है।