March 29, 2024

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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022: आज से गुप्त नवरात्रि की शुरूवात, करें ये ख़ास उपाय माँ की रहेगीं विशेष कृपा, जानें

हिंदू धर्म में नवरात्रि को सनातन धर्म का सबसे पवित्र और ऊर्जादायक पर्व माना जाता है। सनातन हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष में चार नवरात्रि आती हैं जो पौष, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन मास में होती हैं। जिसमें से दो गुप्त और दो सार्वजनिक होती हैं। आषाढ़ माह में पड़ने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

आषाढ़ की नवरात्रि को इसलिए कहा जाता है गुप्त नवरात्रि

आषाढ़ माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि इसलिये कहा जाता है क्योंकि इन नौ दिनों में तंत्र साधना करने वाले लोग माँ भगवती के दस महाविद्याओं की पूजा को सिद्ध करने के लिए उपासना करते हैं। इस दौरान प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में साधक महाविद्याओं के लिए खास साधना करते हैं। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होंगी, फल उतना ही सुखदायी होगा ।मान्यता है कि भक्त आषाढ़ की नवरात्रि में गुप्त रूप से आदि शक्ति देवी दुर्गा की उपासना करते हैं उनके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है ।

आज से होगी गुप्त नवरात्रि की शुरुआत

पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जून, आज गुरुवार से हो रही है और इसका समापन 08 जुलाई को होगा। आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि विशेष फल देने वाली होती है। देवी मां के दस महाविद्या स्वरूप की साधना से जीवन के कष्टों का समाधान होता है। इस नवरात्रि में माँ काली, तारा देवी, त्रिपुरा सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ ध्रूमावती, माँ बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है।

गुप्त नवरात्रि में करने चाहिए ये ख़ास उपाय

* अगर आप नौकरी व रोजगार में तरक्की पाना चाहते हैं, तो गुप्त नवरात्रि के दौरान रात में मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं। इसके अलावा नौ बताशे लें और प्रत्येक बताशे पर दो लौंग रखें। इन्हें मां दुर्गा को समर्पित कर दें।

* धन-संपत्ति और समृद्धि के लिए भी गुप्त नवरात्रि के नौ दिन बेहद ही खास हैं। इस दौरान घर में चांदी या सोने का सिक्का खरीद कर लाने से बरकत आती है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

* अगर आप या परिवार का सदस्य बीमारी से पीड़ित है, तो गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें और साथ ही ‘ऊँ क्रीं कालिकायै नमः’ मंत्र का जप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से बीमारियों से जल्द ही राहत मिलती है।

* अगर विवाह संबंधी समस्या आ रही हो तो धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह संबंधी अड़चन को दूर करने के लिए मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं और इसके साथ ही उन्हें हर रात्रि लाल फूलों की माला चढ़ाएं। ऐसा करने से विवाह संबंधी समस्या का समाधान होता है।

* मां को लाल रंग काफी पसंद है । इस दौरान माँ को लाल रंग की चुनरी और श्रृंगार और लाल रंग का फूल अर्पित करें । पूरे नौ दिन अपना खान-पान और आहार सात्विक रखें। साथ ही रोज पूजा के दौरान मां दुर्गा को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें । ऐसा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है ।

* गुप्त नवरात्रि के पहले दिन गाय के घी से बनी सफेद चीजों व मिठाइयों का भोग लगाना चाहिए। इस दिन मां के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से घर में सुख-शांति व खुशहाली आती है।

ये हैं गुप्त नवरातत्रि की प्रमुख तिथियां और शुभ मुहूर्त

गुप्त नवरात्रि में अभिजित मुहूर्त  30 जून 2022, सुबह 11 बजकर 57 से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा और घट स्थापना मुहूर्त 30 जून 2022, सुबह 5 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।