March 29, 2024

Khabribox

Aawaj Aap Ki

एक ओर एलपीजी के बढ़ते दाम से महंगाई की मार झेल रहे, वही अब सरकार ने खाद्य तेल पर की 5% की कटौती

डेढ़ साल से कोरोना की मार झेल रहे आम नागरिकों की जेब में महँगाई का सबसे बुरा असर हुआ है । और जुलाई का महीना शुरू होते ही आम जनों को एक और बड़ा झटका लगा है । क्योंकि तेल विपणन कंपनियों ने LPG रसोई गैस की कीमतों में भारी वृद्धि कर दी है । 1 जुलाई से रसोई गैस के साथ ही कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम में भारी वृद्धि हो गई है। आज जारी कीमतों के अनुसार रसोई गैस की कीमतें 25.5 रुपये बढ़ गई हैं। पिछली बार अप्रैल में आखिरी बार गैस कंपनियों ने 10 रुपये कीमत घटाई थी। आये दिन गैस की बढ़ती कीमत आसमान को छू रही है । जिससे जनता को महंगाई का एक तगड़ा झटका लगा है ।

140.50 तक की वृद्धि

जनवरी में गैस सिलेंडर के दाम 694 रुपये थे जिसे फरवरी में बढ़ा कर 719 रूपये कर दिया गया । 15 फरवरी तक आते -आते दाम 769 कर दिए गए । और 25 फरवरी में यह दाम 794 तक पहुँच गये । मार्च में दाम 819 रूपये कर दिया गया, लेकिन अप्रैल की शुरुवात में 10 रूपये की कटौती के बाद घरेलु गैस के दाम 809  रूपये हो गए थे । अगर साल भर में देखा जाए तो अभी तक एल .पी .जी गैस के दाम में 140.50 रू० तक की वृद्धि दर्ज की गयी है ।

सरकार ने कच्चे पाम ऑयल पर शुल्क में पांच प्रतिशत की कटौती की है ।

घरेलु गैस के दाम तो बढ़ गए लेकिन आम जनता के लिए एक राहत भरी खबर है क्योंकि सरकार ने कच्चे पाम ऑयल पर शुल्क में पांच प्रतिशत की कटौती की है ।सरकार ने खाद्य तेल के मूल्यों में कमी लाने और उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए कच्चे पाम ऑयल पर शुल्क में पांच प्रतिशत की कटौती की गयी है। रिफाइंड पाम ऑयल के मूल्यों में कमी लाने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने आर बी डी पाम ऑयल के आयात से प्रतिबंध हटाने और इसे आयात की मुक्त सामान्य श्रेणी में ऱखने की अनुशंसा की है।

पाम ऑयल पर शुल्क 15 प्रतिशत के घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने अपने एक वक्तव्य में कहा है कि देश में उपभोग किए जाने वाले प्रमुख खाद्य तेलों में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, सूरजमुखी और नारियल, पाम ऑयल और राइस ब्रान शामिल हैं। इसमें कहा गया है कि वित्त मंत्रालय ने अधिसूचना के जरिए कच्चे पाम ऑयल पर शुल्क 15 प्रतिशत के घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। शुल्क की यह दर 30 सितंबर 2021 तक लागू रहेगी।