प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज और कल जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन के ऑनलाईन आउटरीच सत्रों में शामिल होंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कल से कॉर्नवाल में शुरू हुए शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए श्री मोदी जी को आमंत्रित किया है। वर्तमान में ब्रिटेन इस समूह का अध्यक्ष है और इस बार के शिखर सम्मेलन के लिए भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया गया है।
जी-7 क्या है ?
जी-7 दुनिया की सात बड़ी विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, जर्मनी, इटली और कनाडा शामिल हैं। इसकी पहली शिखर बैठक 1975 में आयोजित हुई थी लेकिन उस समय इसके सिर्फ 6 सदस्य ही थे। 1976 में कनाडा भी इसके साथ जुड़ गया जिसके बाद इसे ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ नाम मिला। भारत जी -7 का हिस्सा नहीं है, लेकिन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री मोदी को इस सम्मलेन में शामिल होने के लिए विशेष तौर पर आमंत्रित किया है ।
बिल्ड बैक बेटर’ यानी बेहतर भविष्य की ओर
इस वर्ष के शिखर सम्मेलन का विषय है- ‘बिल्ड बैक बेटर’ यानी बेहतर भविष्य की ओर। ब्रिटेन ने अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान चार प्राथमिकताएं तय की हैं। इनमें भावी महामारियों से निपटने की तैयारियों के साथ कोरोना संक्रमण से उबरने में विश्व का नेतृत्व करना है । खुशहाल भविष्य के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष व्यापार को बढ़ावा देना, जलवायु परिवर्तन की समस्या का समधान और जैव विविधता का संरक्षण करना तथा साझा मूल्यों और मुक्त समाज का समर्थन करता है।
इन मुद्दों पर हो सकती चर्चा
सम्मेलन में शामिल नेता स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर विशेष ध्यान देते हुए कोरोना महामारी से उबरने की तैयारियों पर अपने विचार रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी भी संबोधन में कोरोना से उबरने को लेकर अपनी बात रख सकते हैं।
2019 में भी शामिल हुए थे पीएम मोदी
यह दूसरा अवसर है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी-7 सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। वर्ष 2019 में भी तत्कालीन अध्यक्ष फ्रांस ने भारत को सद्भावना निमंत्रण दिया था। प्रधानमंत्री ने जलवायु, जैव विविधता और महासागर तथा डिजिटल रूपांतरण सत्रों में अपने विचार रखे थे।