रानीखेत: रानीखेत जिले को अस्तित्व में लाने की मांग को लेकर जनता ने नगर में निकाला मशाल जुलूस

घोषित रानीखेत जिले को अस्तित्व में लाने की मांग को लेकर घोषित जिलों की संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले जनता ने मंगलवार की देर शाम नगर में मशाल जुलूस निकाला । इस मशाल जुलूस में नागिरकों के सहित विभिन्न दलों के लोग भी शामिल हुए। जिसमें सुभाष चौक से शुरू हुआ मशाल जुलूस रोडवेज स्टेशन के समीप जीबी पंत पार्क पहुंचकर संपन्न हुआ।

अभी तक घोषित जिलों को लेकर नहीं हो पाया है कोई निर्णय-

गौरतलब है कि 15 अगस्त 2011 को तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने रानीखेत, डीडीहाट, कोटद्वार, यमुनोत्री सहित चार नये जिले बनाने की घोषणा की थी। लेकिन जिलों का शासनादेश जारी नहीं हो सका। इसके बाद 2012 में सत्ता में आई कांग्रेस ने घोषित नये जिलों का मामला पुनर्गठन आयोग के सुपर्द कर दिया। इधर, 2017 में भाजपा के पुन: सत्ता में आने के बाद लोगों को नये जिलों के अस्तित्व में आने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार का कार्यकाल समाप्ति की कगार पर पहुंचने के बावजूद घोषित जिलों को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया है। जिससे लोगों में काफी निराशा है।

दी आंदोलन की चेतावनी-

जिसमें लोगों ने रानीखेत जिले की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की और वृहद आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

इस दौरान यह लोग रहे शामिल-

इस दौरान जुलूस प्रदर्शन में संघर्ष समिति के संयोजक डीएन बड़ोला, पूर्व कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष मोहन नेगी, संजय पंत, निवर्तमान व्यापार संघ अध्यक्ष भगवंत सिंह नेगी, पूर्व दर्जा राज्य मंत्री नरेंद्र रौतेला, कैलाश पांडे, उमेश भट्ट, अतुल जोशी, दीवान नेगी, विमल भट्ट, गिरीश भगत, मोहित नेगी, त्रिभुवन शर्मा, उमेश भट्ट, लक्ष्मण सिंह, जगदीश जोशी, मोहन चंद्र जोशी, कुलदीप कुमार, गोपाल देव सहित तमाम लोग शामिल रहे।