सबसे पहले साल 1988 में ओलंपिक खेलों में टेबल टेनिस का खेल शामिल किया गया। तब से लेकर अब तक हर साल टेबल टेनिस को ओलंपिक में शामिल किया गया है। टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की ओर से इस बार चार खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। सिंगल्स के महिला वर्ग में सुर्तीथ मुखर्जी और मनिका बत्रा देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, वहीं, पुरुषों में शरत कमल और साथियान खेलने उतरे हैं। इसके साथ मिक्स्ड डबल्स वर्ग में भारत की ओर से शरत और मनिका बत्रा की जोड़ी खेल रही है।
तो चलिए जानते इन खिलाड़ियों के बारे में-
1. मनिका बत्रा
मनिका बत्रा भारत की शीर्ष टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं और दूसरी बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं। मनिका ने मार्च 2021 में आयोजित एशियन ओलंपिक क्वालिफायर के जरिए टोक्यो ओलंपिक में अपनी जगह बनाई। उन्होंने साल 2011 में चिली ओपन के अंडर-19 कैटेगरी में रजत पदक जीता था। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2015 के राष्ट्रमंडल टेबल टेनिस चैंपियनशिप में दो रजत और एक कांस्य पदक जीता। 2016 के साउथ एशियन गेम्स में वह तीन स्वर्ण (महिला युगल, मिश्रित युगल और महिला टीम इवेंट) पदक जीतने में कामयाब रहीं थीं। इसके अलावा, वर्ष 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी उन्होंने यादगार प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण समेत कुल चार पदक अपने नाम किये थे।
2. शरत कमल अचंत
शरत कमल अचंत नौ बार सीनियर नेशनल चैंपियन बनने वाले पहले भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। महज चार साल की उम्र में उन्होंने टेबल टेनिस में कदम रखा था। 2019 में शरत ने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 30 हासिल की और अगले वर्ष उन्होंने अपना दूसरा अंतरराष्ट्रीय खिताब ओमान ओपन जीता। वर्तमान में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में एक अधिकारी के रूप में कार्यरत शरत ने एथेंस (2004), बीजिंग (2008) और रियो (2016) में आयोजित ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। बता दें, शरत ने वर्ष 2006 में कतर में आयोजित एशियाई खेलों में भी देश का प्रतिनिधित्व किया है।
3. साथियान ज्ञानसेकरण
साथियान भारत के अव्वल खिलाड़ियों में से एक हैं। 2011 में, उन्होंने विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में पदक हासिल किया। 5 साल बाद, बेल्जियम ओपन के फाइनल में नुयटिन्क सेड्रिक को 4-0 से हराकर यूरोपीय धरती पर आइआइटीएफ इवेंट जीतने वाले पहले भारतीय बने। 2019 में जापानी हरिमोटो टोमोकाजु को हराते हुए वह एशियाई चैंपियनशिप के क्वार्टरफईनल तक पहुंचे थे, ये एक ऐसी उपलब्धि है जो पुरुष एकल में किसी भारतीय ने 43 साल में नहीं हासिल की थी।
4. सुतीर्थ मुखर्जी
सुतीर्थ मुखर्जी 98वे रैंकिंग के साथ अपने पहले ओलंपिक में भाग ले रही हैं। सुतीर्थ टेबल टेनिस में अपने डिफेन्स यानि आक्रामक खेल के लिए जानी जाती हैं। 2017 में उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीता। उसके एक साल बाद, 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद, उन्होंने टीम इवेंट श्रेणी में गोल्ड जीतकर इतिहास रचा था। इसके बाद उन्होंने 2019 में सीनियर नेशनल टीटी चैंपियनशिप भी जीती।
क्या होते हैं खेल के नियम?
दरअसल, टेबल टेनिस में सिंगल्स और डबल्स दो इवेंट होते हैं। सिंगल्स प्रतियोगिता में सर्विस नियम के मुताबिक सर्वर, दूसरे छोर पर टेबल के किसी भी हिस्से में सर्विस कर सकता है। हालांकि डबल्स वर्ग में सर्विस को टेबल में तिरछी ओर (डायगोनली) खेलना होता है। खिलाड़ी जितनी बार भी रूल्स का उल्लंघन करता है उसके विरोधी को अंक मिलता है। पूरे गेम में अगर कोई खिलाड़ी 11 अंक प्राप्त कर लेता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। अगर अंक 10-10 से बराबरी पर है, तो एक खिलाड़ी को खेल को जीतने के लिए दो अंकों की बढ़त लेनी होती है।
मैच जीतने के लिए सेट जीतने होते हैं, मैच के हिसाब से सेट की संख्या तय होती है और ये प्रतियोगिताओं और कैटेगरी पर निर्भर करते हैं। सिंगल्स मैच आम तौर पर बेस्ट ऑफ 7 होता है, जबकि डबल्स इवेंट में विजेता का फैसला बेस्ट ऑफ 5 से आता है।
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