March 29, 2024

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विश्व संगीत दिवस विशेष: बचपन से संगीत का शौक रखने वाले उत्तराखंड के अक्षय‌‌ बाफिला ने बॉलीवुड में बनाई अपनी अलग पहचान

आज विश्व संगीत दिवस है। इस विशेष दिवस पर आइये आज हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे ही संगीतकार के बारे में बताते हैं। जिनके हौसलों ने उन्हें काफी पहचान ‌दिलाई है। खबरी बाॅक्स की टीम की ओर से आज हम आपको उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के गांव बेरीनाग निवासी संगीत निर्देशक अक्षय बाफिला के हौसले की कहानी बताएंगे। अक्षय बाफिला एक भारतीय फिल्म संगीत निर्देशक हैं, जोकि मुख्य तौर से हिंदी सिनेमा में सक्रिय हैं। सिनेमाघरों में हिट होने वाली अक्षय की पिछली फिल्म वर्ष 2011 में चितकबरे – शेड्स ऑफ ग्रे थी। जिसे‌ काफी पसंद किया गया।

21 जून विश्व संगीत दिवस

वर्ल्ड म्यूजिक डे पहली बार साल 1982 में मनाया गया था। जिसे फ्रांस के कल्चर मिनिस्टर जैक लांग ने आयोजित किया था। इस दिन को आज की युवा आर्टिस्ट के बीच म्यूजिक के कल्चर को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। उत्तराखंड के अक्षय बाफिला की शख्सियत से कौन नहीं वाकिफ है। इन्होंने संगीत की कई विधाओं में अविश्वसनीय सफलता हासिल की है। अक्षय बाफिला हिन्दी गीतो के साथ पहाड़ी गानों के गाने भी गाते हैं। बेरीनाग निवासी युवा अक्षय बाफिला अभी तक दर्जनों फिल्मों में संगीत दे चुके हैं।

हौसले से बेरीनाग के अक्षय बाफिला ने बॉलीवुड में बनाई अपनी अलग पहचान

हौसला हो तो कोई भी अपनी मंजिल तक पंहुचकर आसमान छू सकता है।‌ जो‌ साबित किया है जिला पिथौरागढ़ के गांव बेरीनाग के अक्षय बाफिला ने। अक्षय बाफिला ने एक छोटे से गांव से बॉलीवुड तक का सफर तय किया। अक्षय को‌ बचपन से ही संगीत का काफी शौक रहा है। इसलिए अक्षय ने इसमें ही अपना करियर बनाने की सोची।

कई मशहूर गायकों ने उनके द्वारा लिखें गीतो को दी आवाज

बॉलीवुड के कई मशहूर गायकों बप्पी लहरी, शान, श्रेया घोसाल, सुनिधि चौहान ने अक्षय बाफिला के लिखें गीतो को गाया है। अक्षय बाफिला ने म्यूजिक डायरेक्शन करते हुए बॉलीवुड के इन दिग्गज संगीतकारों से कई गाने गवाये है।

निर्मल‌‌ पंत को मानते हैं अपना पहला गुरु

अक्षय‌‌ बाफिला का जन्म पिथौरागढ़ के गांव बेरीनाग में हुआ। गांव के ही एक पब्लिक स्कूल में पढ़ाने वाले निर्मल कुमार पंत ने अक्षय को संगीत की प्रारम्भिक शिक्षा दी।2001 में भातखंडे संगीत महाविद्यालय, अल्मोड़ा में बनारस घराने के ठुमरी गायक प. सत्य नारायण मिश्रा से संगीत के गुर सीखे। 2003 में श्रीराम भारतीय कला केंद्र, दिल्ली में किराना घराने की सोनिया रॉय से संगीत सीखा।
2008 में मुंबई में म्यूजिक डारेक्टर अमित त्रिवेदी और साउंड इंजीनियर दमन सूद से साउंड रिकॉर्डिंग की बारीकियां सीखी। इसके बाद 2010 में सुनीत अरोरा के डायरेक्शन में बन रही हिन्दी फिल्म चितकबरे के लिए साइन किया। इस फिल्म से अक्षय को पहला ब्रेक मिला। फिल्म के गीतों को मशहूर गायक शान, सुनिधि चौहान, सुमित्रा अय्यर आदि ने आवाज दी है। यह फिल्म 5 अगस्त 2011को रिलीज हुई। अक्षय बाफिला ने कई फिल्मों ‌में संगीत दिया है।

प्रतिभावान‌ नौजवानों को निखारने का कर‌‌ रहे‌ है काम

आज‌ संगीत का महत्व काफी बढ़ गया है। संगीत के बीना जिंदगी बेरंग है। बेरीनाग के अक्षय बाफिला ने ‌अपने‌ हौसलों के दम पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इसके साथ ही वह प्रतिभावान नौजवानों को भी संगीत के गुर सीखा रहे हैं।