कोरोना संक्रमण से मृत करीबियों को फिर से जीवित करने की चाह में घर से भागा किशोर, ऋषिकेश से हुआ बरामद

उत्तराखंड: कोरोना संक्रमण से अपने पिता व रिश्तेदारों को खो चुके एक 15 वर्षीय किशोर ने उन्हें दोबारा जीवित करने के लिए अध्यात्म के रास्ते को चुना। इसके लिए वह अपने घर से बिना किसी को बताएं साइकिल लेकर भाग निकला। परिजनों ने पुलिस में उसके गुमशुदा होने की सूचना दी। कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने किशोर को सकुशल बरामद कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।

मृत्यु के बाद पुर्नजीवित करने के लेख मिले

जानकारी के मुताबिक दिल्ली निवासी 15 वर्षीय किशोर ने इस वर्ष अप्रैल में कोरोना संक्रमण से अपने पिता और अन्य सगे संबंधी को खो दिया। जिसके बाद किशोर काफी परेशान था। 29 अक्टूबर को वह किसी को बिना कुछ बताए भाग निकला। जिसके बाद परिजनों ने पुलिस से मदद मांगी। परिजनों ने बताया कि किशाेर टेक्नोलाॅजी के विषय का प्रतिभाशाली छात्र है। जिसके बाद पुलिस टीम ने किशोर द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले कम्प्यूटर, मोबाइल का डाटा खंगालना शुरू किया। जांच में पुलिस को पता चला कि गुरूपूर्णिमा पर रहस्यमय अनुष्ठान का आयोजन और मृत्यु के बाद पुर्नजीवन करने के कुछ लेख मिले। पुलिस का कहना है कि इसी कारण से वह घर से भागा।

ऋषिकेश से सकुशल बरामद किया

पुलिस टीम ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कि तो पता चला कि वह हरिद्वार की ओर जा रहा है। जिसके बाद पुलिस टीम और किशोर के परिजन हरिद्वार पहुंचे। लेकिन वह वहां पर नहीं मिला। इसके बाद पुलिस टीम ऋषिकेश पहुंची जहां उन्हें लक्ष्मण झूला के पास किशोर मिल गया। किशोर से पूछताछ में पता चला कि उसने करीबियों को वापस जीवित करने की चाह में यह कदम उठाया था। पुलिस की ओर किशोर की काउंसलिंग कराकर सकुशल उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।