आज विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस है। हर साल आज ही के दिन विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। एक समय था जब प्रेस की अहमियत उतनी नहीं हुआ करती थी, जितना आज के समय में है। आज प्रेस और उसके अन्य आधुनिक स्वरूप जिसे मीडिया कहा जाता है की अहमियत बढ़ी है। इंटरनेट की मदद से आज सूचनाएं पलक झपकते ही एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाती हैं। ऐसे में प्रेस की भूमिका बढ़ी है, और महत्व भी।
आज है विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस-
इसकी सिफारिश 1991 में यूनेस्को की जनरल कॉन्फ्रेंस में की गई थी। इसके बाद साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की घोषणा की। तब से हर साल 3 मई को संविधान के चौथे स्तंभ प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ये दिन मनाया जाने लगा। हालांकि, भारत में 4 जुलाई, 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना हुई। इसके बाद से हर साल 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है और 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस।
जागरूकता फैलाना है उद्देश्य-
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का उद्देश्य प्रेस स्वतंत्रता के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है। इसका उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता के माध्यम से और समाचारों को जन-जन तक पहुंचाने के माध्यम से सशक्त मीडियाकर्मियों का व्यापक विकास करना है। भारत में समाचार पत्रों का इतिहास वर्नाक्युलर प्रेस अधिनियम से है। भारत में प्रेस परिषद की स्थापना 4 जुलाई 1966 को हुई थी। जिसने अपना औपचारिक कार्य 16 नवंबर 1966 से शुरू किया था। तब से 16 नवंबर को भारत में राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है और 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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